कविता क्या है.
वेदना है हृदय की
जो अकुलाती, सकुचाती है
विचारों के रूप में।
धैर्य खो देती है
विवेक छोड़ देती है
एक अभिव्यक्ति चाहती है
कलम के माध्यम से ।
विचारों से कलम तक
ढ़ेरों अंतर्द्वंद्व चलते हैं
विचार छ्टपटाते हैं
लिखे जाने के लिए ।
विचारों से कलम तक
जो होता है थोड़ा फ़ासला
वह समय बड़ी ही
वेदना का होता है।
जब हृदय के भीतर द्वन्द्व हो,
और हाथ कलम तक न पहुँचे।
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