Himalaya

Himalaya
Himalaya-(from Devalgarh)

Thursday, January 6, 2011

पहाड़ का दर्द

समस्याओं में घिरा पहाड़
प्रश्न जीने मरने का नहीं
प्रश्न है जीवन से जूझने का
विषमताओं को झेलने का


पहाड़ों में
असमय बूढ़ी होती जवानी
खेतों  में सिंचता पसीने का पानी
आस, बची है परदेस में अपनों की
टीस, पहाड़ को छोड़ते अपनों की


आश्वासनों पर लटका
वादों पर टिका पहाड़
रोज़गार, प्रगति, अनुशासन
सब चुनावी मुखौटे
दर्द में भीगता पहाड़
प्रश्नों से जूझता पहाड़

1 comment:

  1. वास्तविकता को मुखर रूप से उखेलती सुंदर रचना

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